Ashaar

Ishq aur ibaadat.....इश्क़ और इबादत ....

November 15, 2017

इश्क़ और इबादत में ,,रतजगा,,, ज़रूरी है 
कम नज़र,,, समझते है,,, मोजज़ा ,,,ज़रूरी है ---
Ishq aur ibaadat mein,,  rattjagaa ,,zaroori hai
kam nazar ,,,samajhtey hain,,, mojaza ,,,zaroori hai ....

मोजज़ा = चमत्कार


आतिफ़ फरीद 

Ashaar

Anjaane mein....अनजाने में....

November 15, 2017

अनजाने में,, जो बे-राह,,, चले ,,वो राह पे ,,,आ सकता है,,,, मगर
बे-राह चले,,, जो दानिस्ता ,,,,बस उस का,,,,, सँभलना मुश्किल है --------
Anjaane mein,,, jo be-raah,,, chale ,,,vo raah pe,,, aa sakta hai,,, magar,,
Be-raah chale,, jo daanista,,,bus uska,,,,sambhalna mushkil hai.....

दानिस्ता = jaan boojhkar 

आजिज़ मातवी

Ashaar

Khush hain to.....खुश हैं तो ......

November 15, 2017

खुश हैं तो  फिर ,,,मुसाफिर-ए -दुनिया ,,नहीं हैं . आप
इस दश्त में,,, बस ,,,,आबला-पाईं हैं .... रोईए
Khush hain to phir musaafir-e-duniya nahin hain aap
Is dasht mein bas aabla-paaii hain,   roiiye


अब्बास क़मर 

Ashaar

Sitam to ye....सितम तो ये ....

October 11, 2017

सितम तो ये के  ,,,हमारी सफों में ,,,शामिल हैं
चराग़ ,,, बुझते ही,,, ख़ेमा,,,  बदलने वाले..... लोग
Sitam to ye ke,,, Humari Safon Mein,,, Shamil Hain
Charagh,,, Bujhte Hi ,,,Khaima ,,,,Badalne Wale..... Log..

Iqbal Ashhar

Ashaar

Lagtaa hai....लगता है....

September 28, 2017

लगता है,,,,कई रातों से ,,,जागा  था ,,मुसव्विर 
तस्वीर की ,, आँखों से ,,,थकन ,,,,झाँक रही है 
Lagtaa hai,, kayi raaton se ,,jaagaa tha,, Musavvir 
Tasveer ki,,, aankhon se ,,,thakan ,,,Jhaank rahi Hai..

Ashaar

Ghalat baaton ko...ग़लत बातों को...

September 28, 2017

ग़लत बातों को ,,,ख़ामोशी से सुनना,,  हामी  भर लेना 
बहुत हैं,,, फायदे,, इसमें,,, मगर ... अच्छा नहीं लगता .. 
Ghalat baaton ko,,, khamoshi se,, sunna, haami bhar lena.
Bahut hain,,, faayde ismen,,, magar,,, achchha nahin lagtaa....

JAVED AKHTAR.

Ashaar

Usey jo chahiye....उसे जो चाहिए...

September 27, 2017

उसे जो चाहिए,,,,, मैं हूँ ,,,,उसी के माफिक...... शै .. 
वो मेरे ,,,जैसे की ,,,, ज़िद में,,,, गँवा रहा है..... मुझे ...
Usey jo chahiye,,, main hoon,,, usi ke maafik .....shai 
Wo mere,,, jaise ki... zid mein,,,, ganwa raha hai...... mujhe
Rahul Jha

Ashaar

Usi ka maal....उसी का माल....

September 27, 2017

उसी का ,,,,माल,,,, तो बिकता है,,,, इस ज़माने में
जो अपने ,,,,नीम के,,,, पत्तों को,,,,, ज़ाफरान कहे.......
Usi ka,,,, maal,,, to bikta hai,,,, is zamaane mein
Jo apne,,, neem ke,,,, patton ko ,,,,zaafran..... kahe....

Nawaz Deobandi

Ashaar

Ruup ki dhuup....रूप की धूप ....

September 26, 2017

रूप की धूप ,,,  कहाँ जाती है,,,,, मालूम नहीं
शाम,,,, किस तरह ,,,,उतर आती है,,,, रुखसारों पर 
Ruup ki dhuup,,,, kahaan jaati hai ,,,,maloom nahin
Shaam ,,,,kis tarah,,,, utar aati hai ,,,,,ruḳhsaron par.....
Irfan Siddiqi



Ashaar

Is daur mein....इस दौर में....

September 25, 2017

इस दौर में ,,, मिजाज़ ,,,,कोई पूछे ,,,,,अगर ..... ज़ाहिद 
तो वह,,, तफ्तीश .. होती है ,,,,,पुर्सिश ,,,,, तो बस....  बहाना है.......
Is daur mein,,,, mizaaj ,,,koi pooche,,,,,agar,,,,,,zahid,,
to vo,,,,tafteesh,,,hoti hai,,,,,pursish.....to bus,,,,bahaana hai ...

पुर्सिश  = कुशल मंगल पूछना 


Taj dhorajvi

Ashaar

Main nahi udta.....मैं नहीं उड़ता.....

September 11, 2017

मैं नहीं उड़ता,,, तो क्या? ख्वाहिश  तो,,, उड़ती है मेरी
हर परिन्दे में,,, जड़ा,,, एकाध,,, पर( feather),,, मेरा भी है ........
Main nahi udta,,,, to kya ? khwahish to udti hai meri
Har parinde mein jadaa ek aadh par mera bhi hai....

Naveen C Chaturvedi

Ashaar

Ab jo rishton...अब जो रिश्तों.....

September 11, 2017

अब जो  रिश्तों में बंधा हूँ,,, तो ,,,,खुला है ...मुझ पर
कब परिंदे,,, उड़ नहीं पाते,,,, परों के होते ..... 
Ab jo rishton mein bandha hoon,,, to,,, khula hai... mujh par
Kab parinde,,, ud nahi paate,,,, paron ke hotey......

 Jaun Eliya


Ashaar

Mujhko kaafi hai..मुझ को काफ़ी है....

September 11, 2017

मुझ को काफ़ी है,,, बस ,,,इक,,, तेरा मुआफ़िक़ होना
सारी दुनिया भी,,, मुख़ालिफ़ हो ,,,,तो..... क्या होता है.......
Mujhko kaafi hai,,,bus,,ikk, tera muaafiq hona...
Saari duniya bhi, mukhaalif ho, to ...kya hota hai ..

रंजूर अज़ीमाबादी

Ashaar

Ummeedon se....उम्मीदों से .....

September 11, 2017

उम्मीदों से ,,,पर्दा रखा ,,,,,खुशियों से ,,,,महरूम रहीं ..
ख़्वाब मरा ,,, तो ,,,चालीस दिन का ,,,सोग मनाया आँखों ने.....


Ummeedon se ,,parda rakkha,,,, ḳhushiyon se,,,, mahruum rahin
Khvaab maraa to,,, chaalis din tak,,, sog manaayaa,,, aankhon nein.....

Bharat Bhushan Pant

  

Ashaar

Main kahaan tak....मैं कहाँ तक....

September 11, 2017

मैं कहाँ तक,,, दिल-ए -सादा को ,,,,भटकने से बचाऊँ 
आँख जब उट्ठे,,,,,, गुनाहगार,,,,, बना दे मुझको...... 
Main kahaan tak,,,, dil-e-saada ko,, bhatakney se bachaaoun
Aankkh jab utthey,,,, gunehgaar,,,,, banaa de mujh ko....

Irfan 

Ashaar

Apne haalat se....अपने हालात से....

September 11, 2017

अपने हालात से,,,,, मैं सुल्ह तो,,,,, कर लूँ.... लेकिन
मुझ में,,,,, रू-पोश जो इक,,,,, शख़्स है,,,, मर जाएगा.....
Apne haalat se ,,,,,main suleh to,,,kar loon,,,lekin,,
Mujh mein ,,, rooh-posh jo ikk ,,,shaqs hai,,,,mar jaayega .....

रईस फ़रोग़

Ashaar

Fasaane apni......फ़साने अपनी ......

September 11, 2017

फ़साने अपनी मोहब्बत के,,,, सच हैं ,,,,पर ,,,कुछ कुछ
बढ़ा भी देते हैं,,,,,, हम ,,,,,,ज़ेब-ए-दास्ताँ के लिए.....
Fasaane apni mohabbat ke,,,,,sacch hain,,,per,,kuch kucch 
Badha bhi detey hain,,hum,,,zeib-e-daastaan ke liye .....


मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता

Ashaar

Silwatein hain mere...सिलवटें हैं मेरे....

August 05, 2017

सिलवटें हैं मेरे चेहरे पे ,,,, तो ,,,,हैरत क्यों है..??
ज़िन्दगी ने मुझे ,,,तुमसे ,,,,कुछ,,,, ज़्यादा पहना.....
Silwatein hain mere chehre pe ,,,to,,hairat kyun hai ..??
Zindagi nein mujhe ,,,tumse,,,kuch ,,,zyada pehna ...
अहमद फ़राज़ 

Ashaar

Kisi Ko.....किसी को....

July 31, 2017

किसी को,,, भेज के खत,,, हाय !! ये कैसा अज़ाब आया ... कि,,, हर एक पूछता है,,,, नामाबर* !!! आया... जवाब... आया ???
Kisi Ko,,, Bhej Ke,,,Khat,,, Haaye !! Ye Kaisaa Azaab Aayaa Ki,, Har Ek Poochhta Hai,,, Naama-Bar* !! Aayaa,,,Jawaab... Aayaa नामाबर =Messenger, डाकिया

Ashaar

Vo ek raat....वो इक रात ....

July 29, 2017

वो ,,,इक रात की,,, गर्दिश में,,, इतना हार गया ....
लिबास पहने रहा,,, और,,, बदन उतार गया.... 

Vo,,, ek raat ki,,, gardish mein,,,, itna haar gaya
Libaas,,, pehne raha,,, aur,,, badan utaar gaya

Haseeb Soz 

Ashaar

Dil ajab shehar.....दिल अजब शहर....

July 29, 2017

दिल,,,अजब शहर,,,,के ,,,जिस पर भी ,,,,खुला,,,, दर इसका.. वो मुसाफिर ,,,,,इसे ,,,,हर ,,,सम्त से ,,,बर्बाद करे ...
Dil,,, ajab shehar,,, ke,,,, jis par bhi,,, khula,,, dar iska ..... Wo musafir isey,,,, har samt se,,, barbaad karey....

Ashaar

Thehri hai to.....ठहरी है तो....

July 29, 2017

ठहरी है तो,,, इक,,, चेहरे पे,,, ठहरी रही बरसों....
भटकी है तो,,, फिर आँख ,,,,भटकती ही रही है......
Thehri hai to,,, ek,,, chehre pe ,,,thehri rahi barson 
Bhatki hai to,,, phir aankh,,,, bhatakti hi rahi hai ....

Waheed Akhtar

Ashaar

Apni Taraf to.....अपनी तरफ़ तो....

July 28, 2017

अपनी तरफ़ तो ,,,,मैं भी,,, नहीं हूँ ,,,,अभी तलक....
और,,,, उस तरफ़ ,,,,तमाम,,,, ज़माना उसी का है.....

Apni Taraf to ,,,,,main bhi ,,,,,nahi hoon,,,, abhi talak ....
Aur ,,,,,us taraf,,,,, tamaan,,,,, zamaana usi ka hai .......

Ameer Imam

Ashaar

Jaaney kab.....जाने कब.........

July 28, 2017

जाने कब,,,, आ के,,,, दबे पाँव,,,,, गुज़र जाती है ...
मेरी ,,,,हर सांस,,,, मेरा,,,, जिस्म,,,, पुराना करके...... 

Jaaney kab,,, aa ke,,, dabey pao'n,,, guzar jaati hai ...
Meri ,,,har saans,,, mera jism ,,,,purana kar kay....

Ameer Imam

Ashaar

Kahin zamiin se...कहीं ज़मीन से...

July 22, 2017

कहीं ज़मीन से,,, ताल्लुक़,,, न ,,,ख़त्म हो जाए....
बहुत न,,, ख़ुद को,,, हवा में ,,,उछालिए साहब...

Kahin zamiin se,,, taalluq ,,,na,,, khatm ho jaaye...
bahut na,,, khud ko,,, hawa mein,,, uchaaliye saahab....

- राजेन्द्र नाथ रहबर

Ashaar

Kathin hai kaam....कठिन है काम ....

July 22, 2017

कठिन है काम तो,,,,, हिम्मत से ,,,काम ले,,, ऐ दिल!!
बिगाड़ ...काम ना ,,,मुश्किल समझ के,,,, मुश्किल को....

Kathin hai kaam to ,, himmat se ,,,kaam,,le ae dil !!
bigaad... kaam na ,,,mushkil samajh ke ,,mushkil ko .....

वहशत रज़ा अली कलकत्वी

Ashaar

Poora nahi ....पूरा नहीं....

July 19, 2017

पूरा नहीं हुआ,,, कभी,,, इस इश्क का सफर ...
शहर -ए-बदन जो आया , उतरना पड़ा मुझे .....
Poora nahi hua,,, kabhi,,, ishq ka safar ....
Shehar-e-badan jo aaya ,,utarna pada mujhey 

नाज़िर ...

Ashaar

Duniya ne.....दुनिया ने ....

July 19, 2017

दुनिया ने ,,,,किसका ,,,राह-ए -वफ़ा  में  ,,,दिया है... साथ....
तुम भी,,, चले चलो यूँही ,,,जब तक..... चली चले...
  Duniya Ne,,, Kis Ka,,, Raah-E-Wafa Mein,,, Diya Hai... Saath....
Tum Bhi,, Chale Chalo Yunhi,,, Jab Tak ....Chali Chale....


(Zauq)

Ashaar

Ek roz.....इक रोज़

July 19, 2017

इक रोज़,, छीन लेगी,, हमीं से,,, ज़मीन हमें
छीनेंगे क्या,,, ज़मीन के,,, ख़ज़ाने,,,, ज़मीन से.... हम...

Ek roz,,, cheen legi ,,,humiin se,,, zameen humein.... 
cheenein kya,, zameen ke ,,khazaane ,,zameen se... hum ...

- सबा अकबराबादी

Ashaar

Ab aaoge to....अब आओगे तो

July 14, 2017

अब आओगे तो,,,,, रास्ता भटक जाओगे.....
घना हो गया है ,,,,,तन्हाई का जंगल ......मुझमें.......



Ab aaoge to,,,,, raasta bhatak jaaoge..........
Ghana ho gaya ha,,,,i tanhaayi ka jungle .....mujh mein .......

 जोश मल्सियानी

Ashaar

Tumhaare naam ....तुम्हारे नाम

July 14, 2017

तुम्हारे नाम के नीचे,,, खिंची हुई है लकीर.....
किताब -ए -ज़ीस्त है,,, सादा,, इस इंदिराज* के बाद ......



Tumhaare naam ke neeche khinchi huyi hai lakeer.....
kitaab-e-ziist hai saada is indiraj* ke baad.....

Aanis Moin


 Indiraj = entry/Registration

Ashaar

Kya be-murawwati ka.....क्या बे-मुरव्वती का......

July 14, 2017

क्या बे-मुरव्वती का ,,,शिकवा गिला,,, किसी से......
ख़ुद हम ने कब,,, वफ़ा की,, अपने सिवा ,,,किसी से .....



Kya be-murawwati ka,,, shikwa gila,,, kisi se .......
khud humnein kab,,, wafa ki,,, apne siwa,,, kisi se .....


अनवर शऊर

Ashaar

Dhooudta rehta ....ढूँडता रहता.....

July 14, 2017

ढूँडता रहता हूँ आईने में,,, अक्सर,,, ख़ुद को....
मेरा बाहर,,,, मेरे अंदर का,,, पता पूछता है....


Dhooudta rehta hoon,,, aaiiney mein,,, aksar,,, khud ko.... 
Mera baahar , mere andar ka,,, pata poochta hai ......

Ashaar

Aakhir to rooh ...आखिर तो रूह.....

July 14, 2017

आखिर तो रूह तोड़ ही देगी,,,, हिसार-ए -जिस्म* 
कब तक असीर*,,,, खुशबू ,,,रहेगी गुलाब में..... 
Aakhir to rooh tod hi degi,,,, hisaar-e-zism*.......
kab tak asiir*,,,, khushboo,,, rahegi,,,,, gulab mein .....
Aanis Moin

 
हिसार-ए -जिस्म = circumference of body
असीर = prisoner/क़ैदी 

Ashaar

kyun khul gaye....क्यों खुल गए .....

July 14, 2017

क्यों खुल गए ,, लोगों पे ,,,,मेरे ज़ात* के असरार* .....
ऐ काश !!! कि ,, होती मेरी गहराई,,,,,ज़रा और....
kyun khul gaye,,, logon pe,,, meri zaat* ke asraar*
ai kaash  !!! ki,,, hoti meri gehraayi,,,, zara aur....

Aanis Moin 

zaat = personality 
Asrar = secrets

Ashaar

Masruf hain kuchh....मसरूफ हैं कुछ ....

July 14, 2017

मसरूफ हैं कुछ इतने,,, कि ,,, हम कार -ए -मोहब्बत* .....
आग़ाज़ तो कर लेते हैं,,,, जारी नहीं रखते .....


Masruf hain kuchh itne,,, ki,,, hum kaar-e-mohabbat*.......
aaġhaaz to kar lete hain,,,, jaari nahi rakhte......

Abdul Hameed adam


Kaar-e-mohabbat = task of love

Ashaar

Har qadam.....हर क़दम,....

July 14, 2017

हर क़दम,, कितने ही,, दरवाज़े खुले मेरे लिये....
जाने क्या सोचा,, कि,, खुद को ,,दर-ब-दर* मैनें किया.....


Har qadam,,, kitne hi ,,,darwaaze khule mere liye....
jaane kya socha,,, ki,, khud ko,, dar-ba-dar* maine kiya.....

नसीम सेहर

Dar ba dar = एक द्वार से दूसरे द्वार जाना

Ashaar

Bachpan nein humein ..बचपन नें हमें.....

July 14, 2017

बचपन नें हमें दी है,,, ये शीरीनी-गुफ़्तार*....
उर्दू नहीं,,, हम माँ की ज़बाँ,,, बोल रहे हैं.....

Bachpan nein humein di hai....ye sheerini guftaar*......
Urdu nahi ,,,,hum maan ki zubaan bol rahe hain ......


आज़र बाराबंकवी

sheerini guftaar = meethi zabaan 

Ashaar

Shaam aayegi.....शाम आएगी....

July 13, 2017

शाम आएगी,,, तो देखेंगे ,,,अक़ीदत सबकी ....
चढ़ते सूरज का तो,,, हर शक़्स,,, परस्तार लगे ...

Shaam aayegi,,, to dekheinge,,, aqeedat sab ki...
Chadhate sooraj ka to,,,, har shaqs ,,,parastaar lagey....

[Unknown]

अक़ीदत = faith , belief
परस्तिश  - worship/pray

परस्तार - worshiper

Ashaar

Sangsaari ki ....संगसारी की.....

July 11, 2017

संगसारी* की सजा है मंज़ूर मुझको......
हाथ जिसके न हों आलूदा* वो पत्थर मारे.....



Sangsaari* ki sazaa hai manzoor mujh ko.....
Hath jiss ke,,, na hon alooda*,,, woh patthar maarey......

Sangsaari = Throwing stones

 Alooda = Dirty

Ashaar

Chhoda nahin....छोड़ा नहीं ....

July 10, 2017

छोड़ा नहीं ,,,,खुदी* को,,, दौड़े खुदा के पीछे.....
आसां को छोड़ ,,,,बन्दे,,,,, मुश्किल को ढूढ़ते हैं.....



Chhoda nahin ḳhudi* ko,,, daude ḳhuda ke peechhe...
Aasaan ko chhod,,, bande,,, mushkil ko Dhooundte hain.....

Abdul Hameed Adam


ḳhudi = ego

Ashaar

Usi ko jiney.....उसी को जीने .....

July 10, 2017

उसी को ,,,जीने का हक़ है,,, जो,,, इस ज़माने में......
इधर का लगता रहे,,,, और ,,,उधर का हो जाए। ....



 Usi ko jiney ka haq hai jo is zamaane mein......
Idhar ka lagta rahe aur udhar ka ho jaaye ...


Wasim Barelwi

Ashaar

.Mujh se......मुझ से...

July 10, 2017

मुझ से गुरेज़ -पा* है तो,,, हर रास्ता बदल....
मैं संग-ए -राह* हूँ तो,,, सभी रास्तों में हूँ....


Mujh se gurez-pa* hai toh har raasta badal.....
Main sang-e-raah* huun toh sabhi raasto'n mein huun.....

 गुरेज़ = avoid
पा = पैर

संग-ए -राह = रास्ते का पत्थर  

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