Milte hain ab.....मिलते हैं अब.....

April 15, 2017

मिलते हैं अब तो सिर्फ ज़रुरत के मोड़ पर ......
ये शहर दोस्तों का नहीं  ताज़ीरों  का है ......

Milte hain ab to sirf zaroorat ke mod per.... 
ye shehar doston ka nahi taaziron ka hai.....

taaziron=vayapari

You Might Also Like

0 comments

Total Pageviews